उच्च न्यायालय का निर्देश, आदेश से पहले व्यक्तिगत सुनवाई अनिवार्यप्राकृतिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए जीएसटी विभाग की सख्त कार्रवाई जारी किया Circular (नम्बर- 1518)

उत्तर प्रदेश जीएसटी विभाग ने अधिकारियों को करदाताओं के खिलाफ आदेश पारित करने से पहले उचित व्यक्तिगत सुनवाई प्रदान करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह कदम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई आदेशों के बाद उठाया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सुनवाई न देने को प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन के रूप में देखा गया।

धारा 75(4) के तहत यह अनिवार्य है कि यदि करदाता सुनवाई की मांग करता है या प्रतिकूल निर्णय की संभावना है, तो व्यक्तिगत सुनवाई दी जानी चाहिए। हाल ही में, अदालत ने सुनवाई के बिना पारित आदेशों को रद्द कर दिया और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सुनवाई की तारीख और समय स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट हों। इसके साथ ही, जिन अधिकारियों ने इस नियम का पालन नहीं किया, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।

28 नवंबर 2024 को Circular संख्या 1518 जारी किया गया, जिसमें यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं कि आदेश पास करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर दिया जाए।




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